रोबर्ट कियोसाकी के दो बाप थे, पहला उसका सागा बाप, उसे रोबर्ट ने गरीब बाप कहा है.
दूसरा उसका मुंह बोल बाप, जिसे रोबर्ट ने अमीर बाप कहा है.
गरीब बाप ने पीएचडी की है. जब की अमीर बाप आठवीं क्लास भी पास नहीं कर पाया.
गरीब बाप असल में गरीब नहीं है, दोनों बाप एक जैसा कमाते हैं, लेकिन गरीब बाप हमेशा पैसों को ले कर परेशान रहता है जबकि अमीर बाप हवाई का सबसे रईस आदमी बनता है.
गरीब बाप अपनी फैमिली पर अनपेड बिल छोड़ कर दुनिया से जाता है जबकि अमीर बाप अपनी फैमिली के लिए करोड़ों की दौलत छोड़ कर दुनिया से जाता है.
अब आप सोच रहे होंगे की जब दोनों बाप अच्छा कमाते थे तो क्यूँ एक गरीब रह जाता है और दूसरा इतना अमीर कैसे बन जाता है?
ये फरक दोनों बापों की सोच का था...
रोबर्ट का गरीब बाप कहता था कि बड़ा इन्सान बनने के लिए खूब पढ़ लिख कर अच्छी नौकरी करनी चाहिए, जबकि अमीर बाप कहता था की बड़ा इन्सान बनने के लिए पढ़ लिख कर खुद की कंपनी खोलनी चाहिए ताकि उससे दुसरे लोगो को रोज़गार मिले.
रोबर्ट का गरीब बाप कहता था की पैसे से मुसीबत आती है, पैसा सारी मुसीबतों की जड़ है.
रोबर्ट का अमीर बाप कहता था की पैसे से पॉवर मिलता है, पैसा न होना सारी मुसीबतों की जड़ है.
रोबर्ट का गरीब बाप महंगी चीज़ें यह कहते हुए खरीदने से मन करता था की हम उसे अफोर्ड नहीं कर सकते जबकि रोबर्ट का अमीर बाप कहता था कि वो ऐसे रास्ते बनाने की सोचे जिससे वो सारी महंगी चीज़ें खरीद सके. ऐसा करने से उसके दिमाग में नए नए आइडियाज आयेंगे.
रोबर्ट अपने दोनों बापों की बातें सुन कर बड़ा हुआ और अपना दिमाग लगाया और अपने अमीर बाप की बातें मानी और फॉलो की जो बहुत अमीर बना और उसकी सिखाई हुई बातों से रोबर्ट ने भी करोड़ों कमाए. दूसरी तरफ उसका गरीब बाप गरीब ही रह गया.
तो ऐसा क्या रोबर्ट ने अपने अमीर बाप से सीखा?
फिनांशियल एजुकेशन की प्रॉब्लम ये है की ये स्कूलों में नहीं सिखाई जाती है, इसलिए ये आपको आपकी फैमिली सिखाती है। अब इसमें ये प्रॉब्लम है कि अगर आपके पेरेंट्स दुनिया के टॉप 1 परसेंट लोगों में नहीं हैं तो वो आपको सिखाएंगे कि गरीब कैसे बना जाए। इसलिए नहीं कि वह आप से प्यार नहीं करते, बल्कि उन्हें पता ही नहीं है कि वो क्या सिखा रहे हैं, और वह रिच डैड पुअर डैड जैसी बुक्स नहीं पढ़ते हैं.
Assets वो चीज़ें होती है जो आपकी जेब में पैसा डालती हैं.
और Liablity वो चीज़ें होती है जो आप की जेब से पैसा निकाल लेती हैं.
कोई भी चीज़ asset और liablity हो सकती है. अगर आप एक मकान के मालिक हो और उसपे हर महीने आपके 10 हज़ार रूपये खर्च होते हैं तो वो एक liablity है.
अगर आप एक मकान में मालिक हो और वो आपको हर महीने 10 हज़ार रूपये देता है तो वो एक asset है.
Businesses, Real Estate, Bonds, Paper Assets जैसी चीज़ें Assets होती हैं.
ये फरक जानना बहुत ज़रूरी है. गरीब सिर्फ अपनी ज़रूरतों पर खर्च करता है, अमीर assets खरीदता है, जब की मिडिल क्लास liablities खरीदता है और सोचता है की ये उसकी assets हैं.
जब तक आप अपनी सोच को नहीं बदलोगे की आपको आपके पैसों के साथ क्या करना है, तो चाहे आप अपनी जॉब से कितना भी कम लो आप उसको अपनी Liablities और Expenses से मैच कर ही लोगे.
आपके दोस्त चाहे आपका महंगा फ़ोन को देख कर हैरत करें और आप अमीर दिखने लगें लेकिन असलियत में आप अमीर कभी नहीं बनोगे.
जॉब करना गलत नहीं है, लेकिन मेरे पास जॉब नहीं है क्यूँ की मैं Assets से कमा रहा हूँ. लेकिन अगर आप एक आम चलन के हिसाब से स्कूल जा रहे हो फिर एक नौकरी ढून्ढ लेते हो तो chances हैं की आप liablities बना रहे हो जिसे आप assets समझ रहे हो. यही है प्रॉब्लम.
so, make sure, जो आप कमा रहे हो वो ज़्यादातर Assets में जा रहा हो ना कि liablities में जिसे आप assets समझ रहे हो.
और हाँ जब आप काफी मात्रा में assets बना लोगे तो फिर आप को अपनी job की भी ज़रुरत नहीं पड़ेगी.
ये मुझे बहुत अजीब लगता है जब लोग कहते हैं की अगर Business, Real Estate और Paper Assets में मेरे पैसे डूब गए तो?
यही बात वो अपना दूसरा बड़ा TV, और महंगा phone खरीदते समय नहीं कहते जो एक साल में बेकार हो जायेंगे.
एक दूसरा टीवी और महंगा फ़ोन जिसकी मुझे ज़रुरत नहीं है, खरीदने की जगह मैं मेरा पैसा Businesss में लगाना पसंद करूँगा. अगर मेरा सारा पैसा डूब भी जाए तो जो Lesson मुझे Business शुरू करने में मिलेगा वो टीवी पर सास बहु के Serials या नेताओं को लड़ते हुए देखने और फ़ोन पर Funny Videos Forward करने से ज्यादा कीमती होगा.
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