Wednesday, 30 March 2016

बच्चों को दें किताबों का शौक




आज अधिकतर अभिभावक इस बात से परेशान है कि उनका बच्चा या तो कम्प्यूटर से चिपका रहता है या टीवी से। इस बात के जिम्मेदार बच्चे कम अभिभावक अधिक है। आज अधिकतर अभिभावक बच्चे को प्रारंभ से ही टीवी या कार्टून फिल्में, वीडियो गेम्स आदि खेलने देने की पहल करते है।

प्रारम्भिक वर्षों में रहा शौक भविष्य में उसकी आदत बन जाता है। बहुत कम अभिभावक हैं, जो बच्चे को किताबें पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। जबकि किताबें पढ़ना बच्चें की बुद्धिमता को बढ़ाता है। यह पढ़ाई उसके पूरे जीवन में काम आती है।

विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चे में यह हॉबी बचपन से ही डालें और इस हॉबी को डालने में माँ बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। मां ही बच्चे में सभी संस्कार डालती है। बच्चे किताबों के शौकीन हों, इसके लिए मां को क्या करना चाहिए आइए जानें :-

- जब तक बच्चा पढ़ना न सीख जाए, तब तक उसके लिए आप पढ़ें। बच्चे की पिक्चर बुक, स्टोरी बुक्स आदि से कहानियाँ सुनाएं। इससे बच्चे का शौक किताबों के प्रति बढ़ेगा।

- घर में ऐसी वस्तुएं रखें, जिससे बच्चे को रीडिंग में शौक उत्पन्न हो। घर में एक ब्लैक बोर्ड भी रखें। पेपर, पैंसिल, पैन, किताबें, तस्वीरों वाली किताबें कहानियों की किताबें आदि उसके लिए खरीदते रहें।

- बच्चे के लिए समय निकालें। शायद ही कोई मां इतनी व्यस्त होती है जो अपने बच्चे के लिए पढ़ न सके। दिन में अगर समय न मिले तो रात में उसे किताब में से पढ़कर कहानियाँ सुनाएं। विशेषज्ञों के अनुसार अच्छे रीडर्स में सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि उनके अभिभावक अच्छे रीडर्स होते हैं, जो उन्हें ऐसा वातावरण देते हैं कि यह अच्छा शौक उनमें अपने आप उत्पन्न हो जाता है।

- जब बच्चा पढ़ना सीख जाए तो उसमें सबसे पहले यह आदत डालें कि वह समाचार पत्र पढ़ें। इससे उसकी भाषा ज्ञान और सामान्य ज्ञान भी बढ़ता है। बच्चे को अंग्रेजी व हिन्दी का शब्दकोष भी दिलवाएं ताकि उसे नए-नए शब्दों के बारे में ज्ञान हों।

- हर माता-पिता अपने बच्चे को गिफ्ट या उपहार देते रहते हैं। आप अपने बच्चें को उपहार में किताबें दें ताकि किताबें बच्चे को अच्छे संस्कार दें, उसे बुद्धिमान बनाएं।

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